इसे 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था। बता दें कि तिरंगे का डिजाइन आंध्रप्रदेश के पिंगली वेंकय्या ने बनाया था। यानी पिंकली वेंकय्या की वजह से ही भारत को मिला तिरंगा!
सबसे पहले बना था यह ध्वज
सबसे पहले लाल, पीले और हरे रंग की पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कोलकाता में फहराया गया था। इसके बाद इसमें कई बदलाव हुए।
फिर बना यह दूसरा ध्वज
साल 1907 में पेरिस में मैडम कामा और उनके साथ कुछ क्रांतिकारियों ने दूसरा ध्वज फहराया था। यह भी पहले ध्वज की तरह ही था। इसमें सबसे ऊपर बनी पट्टी पर सात तारे सप्तऋषि को दर्शाते थे जबकि इसमें एक कमल भी था।
इसके बाद बना यह तीसरा ध्वज
डॉ एनी बीसेंट व लोकमान्य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन ( होम रूल मूवमेंट) के दौरान यह तीसरा ध्वज फहराया था।
इस ध्वज में 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्तऋषि के स्वरूप में इस पर बने सात सितारे थे। बाईं ओर ऊपरी किनारे पर यूनियन जैक था और दाईं तरफ ऊपरी किनारे पर सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।
कांग्रेस कमेटी के सत्र में फहराया था चौथा ध्वज
चौथा ध्वज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र के दौरान 1921 में बेजवाड़ा में फहराया गया था। यह दो रंगों लाल और हरे से बना था जो हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों को दर्शाता था। गांधी जी ने यह सुझाव दिया था कि भारत के बाकी का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और एक चलता हुआ चरखा होना चाहिए।
यहां फहराया गया था पांचवा ध्वज
पांचवा ध्वज साल 1931 में फहराया गया। यह ध्वज भारती
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments