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अमृता प्रीतम : प्रेम की अंतहीन कविता का एक छंद

Kavishala LabsKavishala Labs May 18, 2022
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शब्दों के माध्यम से कहानी को चित्रित करने के लिए जानी जाती थी वो, जिन्हें हम कहते हैं अमृता प्रीतम। जिस कवयित्री ने जिंदगी की बारीकियों को अपनी कविताओं और कहानियों के रूप में इतनी खूबसूरती से दर्शाया, उसका खुद का जीवन दुख और दर्द का मिलन था। प्रीतम ने अपनी आत्मकथा, 'रसीदी टिकट' में अपने जीवन के निजी मामलों का साहसपूर्वक उल्लेख किया जो आज भी हमारे समाज की समझ से परे हैं।

उनकी कहानियां मशहूर थी बिछड़े हुए प्यार के दर्द को दर्शाने के लिए। 11 वर्ष की काम आयु में अपनी मां को खो देने की पीढ़ा ने प्रीतम का धर्म से विश्वास उठा दिया था, लेकिन इस हादसे के कष्ट ने उनके हाथ में कलम थमा दी और उन्होंने अपने दिल को शब्दों में उतारना शुरू किया।

उन्हें 16 वर्ष की आयु में एक स्थापित कवयित्री होने की उपलब्धि प्राप्त हुई। एक लंबे अरसे तक प्यार पाने की आशा को इस तरह अपने मन में सहेज के रखा कि अपना सारा दुख वो काग़ज़ पर उतारती गईं।

खोना क्या है उन्होंने तब जाना जब उन्होंने अपनी जिंदगी के अध्याय पन्नों पर उतारने शुरू किए, जिसने उन्हें इंसान बना दिया क्योंकि वह जीवन में आगे बढ़ने का आग्रह करती थी और जब तक वह जीवित रहीं अपने इसी सिद्धांत के साथ चलीं।

अपने विवाहित ज

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