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हिंदी फ़िल्मी जगत में कलम के जादूगर माने जाने वाले जावेद अख्तर......

Kavishala DailyKavishala Daily January 19, 2023
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हिंदी फ़िल्मी जगत में कलम के जादूगर माने जाने वाले जावेद अख्तर अपने गीत, ग़ज़ल, फिल्म संगीतकार, एवं स्क्रीनराइटर के तौर पर फ़िल्मी दुनिया में जाने जाने वाले एक जाना माना नाम हैं और यही नहीं जावेद अख्तर साहित्ये जगत की भी बड़ी हस्ती हैं। बॉलीवुड के बेहतरीन फिल्मे जैसे की शोले, जंजीर, दीवार इत्यादि फिल्मो के पटकथा को भी जावेद अख्तर ने अपने साथी और एक बेहतरीन पटकथा लेखक सलीम खान के साथ मिलकर लिखा है। और जावेद अख्तर को साल 1999 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरुस्कार पदम् श्री से भी नवाजा जा चूका है। इसके अलावा बेस्ट गीतकार के लिए कुल 5 बार राष्ट्रीय पुरुस्कार जित चुके है, एवं बेस्ट लिरिक्स के लिए कुल 7 बार फिल्मफेयर पुरुस्कार जित चुकेजावेद अख्तर राज्य सभा के संसद भी रह चुके है। और सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में भी एक प्रसिद्ध पर्सनालिटी है। कई बार पॉलिटिकल मामलो में बोलने के कारण जावेद अख्तर मीडिया के निशाने पर भी आ चुके है। डेमोक्रेसी और फ्री थिंकिंग को बढ़ावा देने के लिए इन्हे साल 2020 में रिचर्ड डॉकिन्स अवार्ड से भी नवाजा गया था। अगर हम आपको जावेद अख्तर जी के बारे में बतायें तो उनका जन्म हार्ट ऑफ़ इंडिया कहे जानेवाले राज्य मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 17 जनवरी 1945 को हुआ था। इनके पिता जन निशार अख्तर अपने ज़माने के बॉलीवुड के मशहूर कवी एवं गीतकार थे। एवं माँ सफ़िया अख्तर एक मशहूर लेखिका एवं शिक्षिका थी। इनके दादाजी मुज़्तर खैराबादी भी अंग्रेज के ज़माने के कवी थे। और यही वजह हैं की शेरो शायरी, गीत, संगीत, उर्दू साहित्य से इनके परिवार का वास्ता पीढ़िया दर पीढ़िया रही है। इस वजह से इनका भी इस सब चीजों में बचपन से ही मन लग गअगर हम आपको बता दें कि जावेद अख्तर के सर से उनकी मान का साया बचपन में उठ गया था इन्होने अपना बचपन अपन नाना-नानी का घर लखनऊ में बिताया, उसके बाद इन्हे इनके मौसी के घर अलीगढ भेज दिया गया। जहाँ से इन्होने

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