चाणक्य एक भारतीय दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजनेता थे, आचार्य चाणक्यने एक भारतीय राजनीतिक (चाणक्य नीति) ग्रंथ लिखा था। उन्होंने इस मौलिक कार्य से संपत्ति , अर्थशास्त्र और राजनीति के संबंध में जो कुछ भी लि खा था, वो आज भी प्रयोग मे लाया जा सकता है।
भारत की राजनीति, विज्ञान और अर्थशास्त्र के विकास में चाणक्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा, उन्हें इन विषयों का खूब ज्ञान था। उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा से भारत के इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया।
चाणक्य..जिन्हें कौटिल्य, या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, पहले चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट के दरबार में
एक राजनेता थे, जिन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना करने में महत्वपूर्ण भूमि का निभाई थी।
चाणक्य का जन्म कहां हुआ था
उनके जन्मस्थान की बात करे तो वो अभी भी रहस्य बना हुआ है। कुछ पौराणिक ग्रंथो के अनुसार चाणक्य का जन्म चाणक गांव में हुआ था ।
चाणक्य का जन्म 350 ईसा पूर्व में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था उन्होंने तक्षशिला में अपनी पूरी शिक्षा प्राप्त की थी, जो प्राचीन भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र (वर्तमान पाकिस्तान) में है, तक्षशिला एक ऐतिहासिक शिक्षा केंद्र था।
वह अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद तक्षशिला में राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र के शिक्षक (आचार्य) बन गए। आचार्य एक सुशिक्षित व्यक्ति थे, जो अर्थशास्त्र, राजनीति , सैन्य रणनीति , चिकित्सा और ज्योतिष विद्या जैसे कई क्षेत्रों में पारंगत थे। उन्होंने अपना कार्य एक शिक्षक के रूप में शुरू किया था ।
चाणक्य की जीवनी
आचार्य चाणक्य एक बुद्धिमान युवक के रूप में बड़े हुए थे, वे अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, सैन्य रणनीति , आयुर्वेद और ज्योतिष विद्या जैसे कई क्षेत्रों में पारंगत थे। ऐसा माना जाता है कि उसे ग्रीक और फारसी जैसी भाषाओं का भी ज्ञान था। वह वेदों के बारे में भी सब कुछ जानते थे।
चाणक्य ने नंद वंश के राजा धनानंद से मुलाकात की। वह एक शक्ति शाली सम्राट था, लेकिन उनके राज्य की प्रजा
धनानंद से घृणा करती थी। क्योंकी धनानंद बहुत ही दुष्ट और कपटी था । जब धनानंद ने चाणक्य का अपमान किया तो चाणक्य क्रोधित हो गए और उन्होंने धनानंद के राज्य को नष्ट करने की कसम खाई।
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