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अत्तूर रवि वर्मा - अपने जमाने की एक अनूठी काव्य वाणी

Kavishala DailyKavishala Daily October 27, 2021
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आधुनिक मलयालम काव्य जगत के श्रेष्ठ कवियों में विद्यमान कवि और अनुवादक अत्तूर रवि वर्मा का जन्म आज के ही दिन 1930 को त्रिशूर जिले के अत्तूर गांव में हुआ था। मालाबार क्रिश्चियन कॉलेज से पढ़ाई के बाद उन्होंने तिरुवनंतपुरम के यूनिवर्सिटी कॉलेज से मलयालम भाषा में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वहीं वर्मा 1986 में प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत हुए थे। उन्होंने मलयालम साहित्य में अपना विशेष योगदान दिया है। उनकी कविताओं के लिए उन्हें केन्द्र के साहित्य अकादमी पुरस्कार और केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चूका है। इसके अतिरिक्त उन्हें अनुवाद के लिए केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार समेत कई सम्मानों से सम्मान प्राप्त है। 

केरल सरकार ने उन्हें 2012 में अपने सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार, एज़ुथाचन पुरस्कार से सम्मानित किया और केरल साहित्य अकादमी ने उन्हें 2017 में अपने विशिष्ट साथी के रूप में शामिल किया।


जब वामपंथी के चलते कॉलेज से किया गया निष्कासित :

बात करें वर्मा जी के शिक्षा की तो उन्होंने अपने पूर्व-विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम के लिए ज़मोरिन के गुरुवायुरप्पन कॉलेज, कालीकट में प्रवेश लिया जहाँ वामपंथी राजनीति में शामिल होने के कारण उन्हें कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया। बाद में, उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज, त्रिवेंद्रम से सम्मान के साथ मलयालम में स्नातक होने से पहले मालाबार क्र

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