Share0 Bookmarks 48801 Reads1 Likes
कैद की साँस मे
तन पे छायों का डेरा
खुले आसमान मे
यूँ अचानक बादलों का फेरा
नरम नरम आहटें
कहीं आदत ना कर दे
सम्भल के पाँव रखना
कहीं आहत ना कर दें
रौशनी के गुबार मे चाँदनी भर रही
टिमटिमातें तारों की लड़ी लग रही
यूँ अचानक किधर से हवा आ गयी
बूँद बादल भरे रात झिलमिल हो गयी
तन पे छायों का डेरा
खुले आसमान मे
यूँ अचानक बादलों का फेरा
नरम नरम आहटें
कहीं आदत ना कर दे
सम्भल के पाँव रखना
कहीं आहत ना कर दें
रौशनी के गुबार मे चाँदनी भर रही
टिमटिमातें तारों की लड़ी लग रही
यूँ अचानक किधर से हवा आ गयी
बूँद बादल भरे रात झिलमिल हो गयी
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments