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पर्यावरण और हम

Kapileshwar singhKapileshwar singh June 5, 2022
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पर्यावरण और हम
शरीर और रूह जितने है
जो तवज्जो न दी इसे 
हम ज्यादादेर न टिकने है
रसोई गैस सस्ती जरूर होनी है
क्युंकी भड़ती गरमी में पराठे 
खुली धूप में ही सिकने है
सोने के गहने अभी ख़ूब सस्त
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