Share0 Bookmarks 54108 Reads3 Likes
रोज नई सुबह आती है
उसके मैसेज की याद आती है।
मैं उठता हूं रोज देर
पर "चाय बन गई"
ऐसी आवाज आती है।
वो जागती है सबसे पहले
फिर भी उसे सोने की
सबसे बाद याद आती है।
बीमार होने पर मुझसे दूर नही जाति है।
चिंता में मेरी खुद की दवा भूल जाती हे।
पर में भूलु जो कुछ तो याद दिलाती हे।
मां बोलु या ईश्वर मुझे समझ नहीं आती है।
मैं भूलु भी तो कैस वो हर दम याद आता है।
मेरे लिए भगवान की पूजा उसकी ममता के बाद आती है।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments