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" यहाँ हर तिनका लेता आकार "
- कामिनी मोहन।
यहाँ हर तिनका लेता आकार
सुख निकेतन का देता संसार।
एक घरौंदा और उसमें
चीं-चीं की आवाज़
उड़ता भय पहन अनंत साज़।
तिनको ने ताकत अंगीकार किया
हवा के बल पर उड़ना अस्वीकार किया।
अरण्य में
- कामिनी मोहन।
यहाँ हर तिनका लेता आकार
सुख निकेतन का देता संसार।
एक घरौंदा और उसमें
चीं-चीं की आवाज़
उड़ता भय पहन अनंत साज़।
तिनको ने ताकत अंगीकार किया
हवा के बल पर उड़ना अस्वीकार किया।
अरण्य में
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