तेरे दर को छोड़ के -कामिनी मोहन।'s image
Poetry1 min read

तेरे दर को छोड़ के -कामिनी मोहन।

Kamini MohanKamini Mohan June 19, 2022
Share0 Bookmarks 48715 Reads1 Likes
तेरे दर को छोड़ के कहाँ जाऊँगा,
तेरे एहसाँ को कैसे चुका पाऊँगा।

जीवन की गाड़ी पटरी से जो उतरी कभी,
दी  है  ख़ुशियाँ  छाई  जो  मायूसी  कभी।

फैलाया  जब  भी  मैंने  दामन अप

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts