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( क़ितआ ) - ग़ैर हूँ मैं
ग़ैर हूँ मैं सबके लिए पर सब है मेरे अपने
मोम-सा ये दिल देखता है हसरतों के सपने
बेगानापन देखा न किसी&nb
ग़ैर हूँ मैं सबके लिए पर सब है मेरे अपने
मोम-सा ये दिल देखता है हसरतों के सपने
बेगानापन देखा न किसी&nb
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