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हम बोलती हुई भाषा की लिपियां लाए हैं
अक्षरों के आकार और शब्दों के बिम्ब लाए हैं।
कम भी नहीं ज़्यादा भी नहीं जो लेकर आए हैं
सारे के सारे शब्दों को आपस में जोड़ आए हैं।
जो हैं मूर्तिमान उनके कंठ को वाणी दे आए हैं
अक्षरों के आकार और शब्दों के बिम्ब लाए हैं।
कम भी नहीं ज़्यादा भी नहीं जो लेकर आए हैं
सारे के सारे शब्दों को आपस में जोड़ आए हैं।
जो हैं मूर्तिमान उनके कंठ को वाणी दे आए हैं
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