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छोटी चीज़े
धीरे-धीरे विकास पाए
और बड़ी बनती जाए।
आदमी के गुण क़दम-क़दम पर
हिम्मत के बीज बोते जाए
असफलताओं की सूरतें
ज़िंदगी को मक़सद देते जाए।
जीत और हार के परिणाम में
धीरे-धीरे विकास पाए
और बड़ी बनती जाए।
आदमी के गुण क़दम-क़दम पर
हिम्मत के बीज बोते जाए
असफलताओं की सूरतें
ज़िंदगी को मक़सद देते जाए।
जीत और हार के परिणाम में
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