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छोटी चीज़े
धीरे-धीरे विकास पाए
और बड़ी बनती जाए।
आदमी के गुण क़दम-क़दम पर
हिम्मत के बीज बोते जाए
असफलताओं की सूरतें
ज़िंदगी को मक़सद देते जाए।
जीत और हार के परिणाम में
ज़िंदगी पीछे मुड़ जाए
या फिर-फिर कोशिश करने को
ज़िंदगी क़दम आगे बढ़ाए।
हिम्मत की हार और हिम्मत की जीत
है ज़िंदगी में सबसे बड़ी चीज़।
छोटी-सी हिम्मत
मेहनत कराए
बड़ी-बड़ी मुसीबतों से
बाहर निकाल ले जाए।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय।
धीरे-धीरे विकास पाए
और बड़ी बनती जाए।
आदमी के गुण क़दम-क़दम पर
हिम्मत के बीज बोते जाए
असफलताओं की सूरतें
ज़िंदगी को मक़सद देते जाए।
जीत और हार के परिणाम में
ज़िंदगी पीछे मुड़ जाए
या फिर-फिर कोशिश करने को
ज़िंदगी क़दम आगे बढ़ाए।
हिम्मत की हार और हिम्मत की जीत
है ज़िंदगी में सबसे बड़ी चीज़।
छोटी-सी हिम्मत
मेहनत कराए
बड़ी-बड़ी मुसीबतों से
बाहर निकाल ले जाए।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय।
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