
Share0 Bookmarks 54 Reads1 Likes
बीते समय में रहा होगा और
कल फिर होगा के संयोग में
सुनिश्चितता का गहरा भाव है।
कविता इस मामले में
सदा ही असंदिग्ध है।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments