239. निर्माताओं की असाधारण दुनिया
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239. निर्माताओं की असाधारण दुनिया - कामिनी मोहन।

Kamini MohanKamini Mohan March 30, 2023
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निर्माताओं की असाधारण दुनिया

जब तक घाव भर नहीं जाता
तब तक वह करता है नियंत्रित
जितना ऊपर उतना नीचे
और जितना भीतर उतना बाहर
बात एक जैसी पर है अनियंत्रित

बाहर से सामान्य
भीतर से जटिल
कारणों को भूलकर
मन्द-मन्द हँसकर
जो सहन शक्ति दे जाते हैं।
वो जो मुझमें है
और जो नहीं है
एक कारण पर अटककर
बस रास्ते में बहती हुई
कहानियों का संग्रह दे जाते हैं।

अभी जो घट रहा है या जो घटित होगा
उसमें मेरे होने और न होने के
बीच में जगह बनाते हैं।
कुछ नया करने को क्षितिज के पार उतरते हैं
मृत्यु आए तो उसका हाथ पकड़कर
अमरता की ओर चलते हैं।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।

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