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कमल पद-कामिनी का रुप तो देखो,
पत्तों पर कोमल धूप तो देखो।
सज धज के निकली है मस्तानी,
धानी धरती के दीप-पुष्प तो देखो।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
पत्तों पर कोमल धूप तो देखो।
सज धज के निकली है मस्तानी,
धानी धरती के दीप-पुष्प तो देखो।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
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