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ज़िस्म के रिश्ते ख़ुश-रंग होते हैं,
आख़िरी साँस तक ही संग होते हैं
बेवफ़ा ज़िंदगी का ऐतबार न कीजे
रूह के रिश्ते ही शफ़क़-रंग होते हैं।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
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