Share0 Bookmarks 48420 Reads1 Likes
लोग हम जैसे कलमकारों को कब पढ़ा करते हैं
वरना हम भी तो गज़ब गीत गज़ल कहा करते है
उनकी आंखों के सहराओ में डूबकर ही हम तो
मुकम्मल सी एक गज़ल हर रोज गढ़ा
No posts
No posts
No posts
No posts
लोग हम जैसे कलमकारों को कब पढ़ा करते हैं
वरना हम भी तो गज़ब गीत गज़ल कहा करते है
उनकी आंखों के सहराओ में डूबकर ही हम तो
मुकम्मल सी एक गज़ल हर रोज गढ़ा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments