Share0 Bookmarks 49071 Reads0 Likes
तेरी उल्फ़त के अफ़सानों का
महकना भी ज़रूरी था
हसरत भी जरूरी थी
बहकना भी जरूरी था
जरूरी था हम दोनों
No posts
No posts
No posts
No posts
तेरी उल्फ़त के अफ़सानों का
महकना भी ज़रूरी था
हसरत भी जरूरी थी
बहकना भी जरूरी था
जरूरी था हम दोनों
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments