चारासाज़'s image
Poetry1 min read

चारासाज़

Kaiz HKaiz H May 20, 2023
Share0 Bookmarks 22 Reads0 Likes
ये चराग छटपटाने क्यों लगे हैं,
ये हवा क्या उसके आंचल से आई,

वो जिन बाहों में हमें राहत मिली,
ये क्यों उन्हीं से हमने चोट खायी,

ये धुएं के कश क्यों मरहम बने,
ये चारासाज़ो ने कैसी दवा पिलाई,

जिंदा होने की भी अदाएं कर रहे है,
या खुदा ये हमको कैसी मौत आई.

-Kaiz

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts