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तुम रब को ही खुद कहीं।

Pragati JunejaPragati Juneja December 12, 2022
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हाँ! माना इक कमी सी है, जिंदगी थमी सी हैं
सब कुछ तो है पास पर शायद कुछ भी नहीं है

जो सुकून छीन ले वो पाने की कोशिश न की
और जो न मिला उसकी कभी ख्वाहिश न की
कुछ खामोशियों

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