माँ के पास।'s image
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बरसों पहले कोशिश की थी कविता लिखने की
पर तेरे रहते नहीं जरूरत अल्फ़ाज़ों को ढूँढने की। 

कभी समझना उसकी बातों से, बातों मे

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