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हम अंत में बोलेंगे,
तुम पहले हल्ला हुज्जत करलो,
सच झूठ के पर्चे भरलो,
हम अंत में बोलेंगे!
इश्तहार भरे बाज़ार लगा लो,
हर बात का बतंगड़ बना लो,
ज़रा थोड़ा और शोर मचा लो,
हम अंत में बोलेंगे!
पता है हमे के अभी हल्ला और काटोगे,
एक का दो और दो का चार बाटोगे,
गोल रोटी का पापड़ बनालो,
हम अंत में बोलेंगे!
अच्छा अब बोल चुके तुम,
अब हमारी बारी है?
तो खामोश होके बैठो यहां,
अभी शब्दो की जंग जारी है,
अब हम बोलेंगे!
खामोश!
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