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हे प्रिय
तुम पेड़ बनो
और मै राहगीर बन जाऊं
बैठे थके हारे राहगीर
तेरी शीतल छांव में
और मै खुश हो जाऊं
ढ
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हे प्रिय
तुम पेड़ बनो
और मै राहगीर बन जाऊं
बैठे थके हारे राहगीर
तेरी शीतल छांव में
और मै खुश हो जाऊं
ढ
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