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राम कों प्रणाम और सबको है राम राम
मुर्खों के राम नहीं आते पहचान में।।
राम एक धीर है राम गंभीर है
राम रणबीर कहीं दिखते ईमान में।।
राम एक शांत है राम विक्रांत है
राम ज्ञान की है धारा राम न सीमांत है,
राम कर्तव्य है राम गंतव्य है
राम है समानता प्रेम परिपक्व है,
मंगलो में राम कहीं जंगलो में राम है
राम प्रतिभा की खोज अक्षरों के धाम है,
राम एक तेज पुंज राम परित्याग हैं
राम सिरमौर तीर्थ राज प्रयाग है,
काशी में है राम बनवासी में है राम
कहीं नभचर और जलवासी बीच राम है,
तिनका पहाड़ नदी झरना तलाब और
हवा कि तरंग भी कहत राम राम है,
मान भी है राम सम्मान भी है राम और
विधि के विधान में गवात राम नाम है,
विधि के हैं बाम राम दवा दुआ राम है
रोम रोम राम का निवास स्थान है।।
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