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राम कों प्रणाम और सबको है राम राम
मुर्खों के राम नहीं आते पहचान में।।
राम एक धीर है राम गंभीर है
राम रणबीर कहीं दिखते ईमान में।।
राम एक शांत है राम विक्रांत है
राम ज्ञान की है धारा राम न सीमांत है,
राम कर्तव्य है राम गंतव्य है
राम है समानता प्रेम परिपक्व है,
मंगलो में राम कहीं जंगलो में राम
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