क्रिकेट की दुनियां में जिन्हें कहा जाता था दीवार ।
आज की पोस्ट प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां ने मिलकर अपने बेटे सनी से राहुल द्रविड़ के लिये करवाई है त्यार ।
जन्मदिन किसी का भी हो प्रभु,नीलू दीदी और मां मिलकर अपने सनी से जरूर लिखवाते।
चलो आज राहुल द्रविड़ की ज़िन्दगी से जुड़ी कुछ खास बातें आप सब को बताते।
राहुल द्रविड़ का इंदौर शहर में पैदा होने के कुछ देर बाद मां बाप के साथ बैंगलोर पड़ा था जाना ।
राहुल द्रविड़ जैसे बल्लेबाज़ फिर कभी टीम इंडिया को मिल ना पाना ।
पिता इनके एक जैम की फैक्टरी में करते थे काम।
इसलिए घरवालों ने जैमी रखा था बड़े प्यार से इनका नाम।
सिर्फ़ 12साल की उम्र में राहुल द्रविड़ ने ज़िन्दगी में क्रिकेट खेलने का अपना पूरा मन बना लिया था ।
क्रिकेट ने भी राहुल द्रविड़ को इज़्ज़त,पैसा,रुतबा सब कुछ दिया था ।
1996में राहुल द्रविड़ ने अपने वनडे कैरियर की शुरवात की थी।
मुरलीधरन ने पहली बार इनकी विकेट ली थी।
शुरवात के दिनों में राहुल द्रविड़ कुछ खास कमाल ना करके दिखा सके।
लेकिन राहुल द्रविड़ इस बात से हिम्मत ना हार के और भी
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