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अपनी जान को किया भारत माता के नाम।
आज कल के बच्चों को चंद्र शेखर का जन्मदिन कहा होगा याद।
ना किसी पे जुल्म करना ना खुद पे जुल्म सहना।
चंद्र शेखर जी का उसूल था इसी बात पे अड़े रहना।
15साल की उम्र में आज़ाद का नाम मिला।
जेल भेजा गया इन्हें लेकिन इस बात का इन्हें नहीं था कोई गिला।
क्रांतिकारी बनने का दिल में आया इनके विचार।
देश की आज़ादी के लिऐ लड़ने के लिऐ खुद को किया था इन्होंने त्यार।
इतने आदर्शवादी थे कभी किसी भी औरत और बच्चों पे ना उठाया हाथ।
देश की आज़ादी के लिऐ उस वक्त कई लोग आ गये थे देने इनका साथ।
8सितम्बर 1928 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में एक गुप्त मीटिंग इन्होंने बुलाई।
तब इ
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