वूमेन डे आया तो सोचा क्यों ना आज कुछ लिखा जाएं । कैसी है आज भी कई औरतों की ज़िन्दगी आज शब्दों में बयां की जाएं ।
एक औरत की ज़िन्दगी की कैसी होती है कहानी।
खुदा ने भी जब औरत को बनाया होगा एक बार तो उसकी आंखों में भी आया होगा पानी ।
एक बेटी,बहन ,बीवी का औरत क्या खूब रोल निभाती है।
जब देती है अपने बच्चे को जन्म उस पल औरत जीते जी दुबारा जन्म लेके आती है।
जब उठाती है अपने बच्चे को गोद में तो उस वक्त औरत को कितना भी दर्द क्यों ना हुआ हो वो सब दर्द भूल जाती है ।
बनके एक औरत से एक मां वो अपने बच्चे के लिये अपनी ज़िन्दगी का हर गम भूल जाती है ।
कभी मायिके में तो कभी ससुराल में औरत मुश्किल से मुश्किल किरदार निभाती है।
अपनी ज़िन्दगी का दर्द औरत कभी किसी को नहीं बताती है।
बड़े से बड़े दुख को एक औरत चुप चाप पी जाती है ।
पति हो या ससुराल में कोई कुछ कह दे औरत कभी अपने मायिके वालों को चाह कर भी कुछ नहीं बताती है।
लोग अक्सर कहते है औरत बड़ी ताकतवर है तभी तो सब कुछ सह लेती है ।
वो औरत ही है जो अपने दर्द को पी कर भी मुस्कुरा देती है।
फूल से भी ज्यादा औरत कोमल होती ।
लेकिन जब कोई अपना ही औरत का दिल दुखा दे तो औरत अकेले में बहुत है रोती ।
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