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अंजाम से अनजान
सफ़र के अंत से बेखबर वो चले जा रहे थे
बुज़दिल ने छुप कर वार किया, प्यार के दिन को काला किया
कितनो के अपनों को मारा तो कितनो को है यतीम किया
पर ये वीर अपनी र
सफ़र के अंत से बेखबर वो चले जा रहे थे
बुज़दिल ने छुप कर वार किया, प्यार के दिन को काला किया
कितनो के अपनों को मारा तो कितनो को है यतीम किया
पर ये वीर अपनी र
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