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समस्याएँ इतनी ताक़तवर नहीं हो
सकती जितना हम इन्हें मान लेते हैं
ऐसा कभी नहीं हुआ है कि अंधेरों ने
कभी सुबह को ही ना होने दीया हो
चाहे कितनी भी गहरी काली रात हो पर
हर रात के बाद सुबह को तो होना ही हैं
क़ुदरत को निज़ाम जहाँ का चलाना है
समस्य
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