खून's image
Share0 Bookmarks 49908 Reads0 Likes

क्या रफ़्तार थी जब रगों में था

उबाल जब हदों में था

नफ़रतों में जब बेइन्तिहा उबल गया

चश्मदीद दहल गया

कब आँखों में उतरा

कब ज़मीन पर बिखर गया


साथ साथ बस ख़याल 

और सवाल बह रहा

अल्फ़ाज़ क्या कहने आय थे

क्या अनसुना रह गया

प्यार की भी ज़ुबान थी

हथियार ये क्या कह गया


जिस पर खौला छलका 

मुझ सा ही दिख रहा

उस घर भी सोग है

मेरे घर भी मातम दिख रहा<

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts