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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
"वो बचपन की यादें "(कविता)
कोई मुझको लौटा दे
जीने की राहेें ,
वो सावन की रिमझिम
वो अल्हड़ सा जीवन।
वो नटखट सी बातें
वो बचपन का खेला,
वो नन्ही सी बाहें,
कोई मुझको लौटा दे
जीने की राहेें।।
वो गीतों का मेला
वो लोगों की बातें ,
कोई मुझको लौटा दे
बचपन की यादें ।
चला था सफर पर
मैं निश्चिंत हो
"वो बचपन की यादें "(कविता)
कोई मुझको लौटा दे
जीने की राहेें ,
वो सावन की रिमझिम
वो अल्हड़ सा जीवन।
वो नटखट सी बातें
वो बचपन का खेला,
वो नन्ही सी बाहें,
कोई मुझको लौटा दे
जीने की राहेें।।
वो गीतों का मेला
वो लोगों की बातें ,
कोई मुझको लौटा दे
बचपन की यादें ।
चला था सफर पर
मैं निश्चिंत हो
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