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मेरी लेखनी मेरी कविता
तू वीरों का वंशज
(कविता)
ज्योतिपुंज जग् को देता
तू ऐसा प्रकाश बन,
विपत्ति से लड़ने के लिए
द्वारका का नाथ बन ।।
जो कभी ना रुके
वह गंगापुत्र भीष्म बन,
चुनौती को स्वीकार करने वाला
छत्रिय बीर बन।।
बातों की कटार से
शत्रु परास्त कर,
अवरुद्ध सारे रास्ते
तू साफ कर ।।
हरिशंकर सिंह सारांश
तू वीरों का वंशज
(कविता)
ज्योतिपुंज जग् को देता
तू ऐसा प्रकाश बन,
विपत्ति से लड़ने के लिए
द्वारका का नाथ बन ।।
जो कभी ना रुके
वह गंगापुत्र भीष्म बन,
चुनौती को स्वीकार करने वाला
छत्रिय बीर बन।।
बातों की कटार से
शत्रु परास्त कर,
अवरुद्ध सारे रास्ते
तू साफ कर ।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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