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शिकायत है तुझसे ऐ जिंदगी (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश June 8, 2022
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मेरी लेखनी मेरी कविता 
शिकायत है जिंदगी तुझसे 
(कविता)

प्यास लगी थी गजब की
 मगर पानी में जहर था,
पीते तो मर जाते
 और ना पीते तो भी
मर जाने का डर था ।।

बस यही दो मसले
जिंदगी भर हल् न हुए 
ना नींद पूरी हुई
ना ख्वाब मुकम्म

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