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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
"सच्ची बात बताता हूंँ" (कविता) शिष्यों के नाम
पढ़ना, लिखना
काम तुम्हारा,
यही तुम्हें
बतलाता हूंँ।
सच्ची बात बताता हूंँ।।
जो गुरुओं ने
हमें सिखाया
वही तुम्हें सिखलाता हूंँ।
सच्ची बात बताता हूंँ।।
चलो नीति की
राह सदा तुम,
तुमको यह समझाता हूंँ। सच्ची बात बताता हूंँ।
झूठ न बोलो,
सच अपनाओ
सदाँ सत्य का
दामन पाओ,
आज यही सिखलाता हूूँ। सच्ची बात बताता हूंँ।
राम कृष्ण की
धरती है यह
गुण के सागर
कहलाए ।
"सच्ची बात बताता हूंँ" (कविता) शिष्यों के नाम
पढ़ना, लिखना
काम तुम्हारा,
यही तुम्हें
बतलाता हूंँ।
सच्ची बात बताता हूंँ।।
जो गुरुओं ने
हमें सिखाया
वही तुम्हें सिखलाता हूंँ।
सच्ची बात बताता हूंँ।।
चलो नीति की
राह सदा तुम,
तुमको यह समझाता हूंँ। सच्ची बात बताता हूंँ।
झूठ न बोलो,
सच अपनाओ
सदाँ सत्य का
दामन पाओ,
आज यही सिखलाता हूूँ। सच्ची बात बताता हूंँ।
राम कृष्ण की
धरती है यह
गुण के सागर
कहलाए ।
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