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"सच्चाई की डगर को हरगिज न त्यागना"कविता

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश February 28, 2022
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मेरी लेखनी ,मेरी कविता 
"सच्चाई की डगर को हरगिज ना त्यागना"
(कविता) छात्र विशेषांक  

मैं गीत गा रहा हूंँ,
 मैं गीत गा रहा हूंँ।

 येे अनमोल बातें
 सबको बता रहा हूंँ,
 मैं गीत गा रहा हूंँ।।

 ये वक्त कीमती है
 इसको न बिसारना,
 सच्चाई की डगर को
हरगिज न त्यागना ।

साथ लेकर सबको
 चलने की जिद करो,
 जो राह जिंदगी की
उस पर अमल करो।

 ये अनुभव की बातेें
 सबको बता रहा हूंँ।
 मैं गीत गा रहा हूंँ।
 मैं गीत गा रहा हूँ ।

वो जिंदगी के सपने
 तुमने कभी जो देखे,
 गर व

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