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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
सबसे प्यारा मेरा देश
(कविता)
मेरा देश प्यारा,
सदियों से हैै निराला।
छटा इसकी प्यारी
रहे हरदम उजाला।।
मेरा देश प्यारा
सदियों से है निराला।।
हमें आज मिलकर ये बीड़ा उठाना,
बहुत दूर तक हमको चलकर है जाना ।
रहे उज्जवल ,ये उपवन न टूटे, ये बंधन
रहे अक्षुण सदा ही
यह प्रेम का फवारा।
मेरा देश प्यारा सदियों से है निराला ।।
मेरे देशवासी
तुम इसको संभालो
घिरा है ये तम से ,
तुम इसको निकालो।
अगर रुक गए तुम,
होगा बहुत गम,
अगर ले गया कोई
छीन के दुशाला।।
मेरा देश प्यारा
सदियों से है निराला ।।
हरिशंकर सिंह सारांश
सबसे प्यारा मेरा देश
(कविता)
मेरा देश प्यारा,
सदियों से हैै निराला।
छटा इसकी प्यारी
रहे हरदम उजाला।।
मेरा देश प्यारा
सदियों से है निराला।।
हमें आज मिलकर ये बीड़ा उठाना,
बहुत दूर तक हमको चलकर है जाना ।
रहे उज्जवल ,ये उपवन न टूटे, ये बंधन
रहे अक्षुण सदा ही
यह प्रेम का फवारा।
मेरा देश प्यारा सदियों से है निराला ।।
मेरे देशवासी
तुम इसको संभालो
घिरा है ये तम से ,
तुम इसको निकालो।
अगर रुक गए तुम,
होगा बहुत गम,
अगर ले गया कोई
छीन के दुशाला।।
मेरा देश प्यारा
सदियों से है निराला ।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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