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मेरी लेखनी मेरी कविता
फरियाद क्या करना ?
लिखा परदेश किस्मत में
तो फिर घर बार क्या करना!
अगर बेदर्द हाकिम हो
तो फिर फरियाद क्या करना ?
मुझे अपनी ही गुरबत का
तमाशा मार डाले है
मुझे अपनों ने ठुकराया
गैर की बात क्या करना.?
अगर बेदर्द हाकि
फरियाद क्या करना ?
लिखा परदेश किस्मत में
तो फिर घर बार क्या करना!
अगर बेदर्द हाकिम हो
तो फिर फरियाद क्या करना ?
मुझे अपनी ही गुरबत का
तमाशा मार डाले है
मुझे अपनों ने ठुकराया
गैर की बात क्या करना.?
अगर बेदर्द हाकि
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