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किसी के दर पै यूँ जाना (छंद )

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश October 7, 2023
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मेरी लेखनी मेरी कविता 
किसी के दर पै यूंँ जाना 
(छंद )

किसी के दर पै यूं जाना
 हमें अच्छा नहीं लगता ।
जहांँ हर शख्स काबिल हो
&

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