Share0 Bookmarks 48227 Reads1 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता
कौन है रावण ज्ञान नहीं ?
रावण को हर वर्ष जलाते
कौन है रावण ज्ञान नहीं?
रावण मन में बैठा उसके
कपट द्वेष तन मेें है जिसके
जो अपनों से करता पाप
पश्चाताप नहीं है मन में
हर पल चलती मन में घात !
दहन करो ऐसे रावण का
एक बार पूरी हो बात
बार-बार का झंझट छोड़
कौन है रावण ज्ञान नहीं ?
रावण को हर वर्ष जलाते
कौन है रावण ज्ञान नहीं?
रावण मन में बैठा उसके
कपट द्वेष तन मेें है जिसके
जो अपनों से करता पाप
पश्चाताप नहीं है मन में
हर पल चलती मन में घात !
दहन करो ऐसे रावण का
एक बार पूरी हो बात
बार-बार का झंझट छोड़
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments