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मेरी लेखनी मेरी कविता
ज्ञान की डोर थाम (कविता )
ज्ञान की डोर थाम
जीवन को मुकम्मल बना,
भौतिकता की चाह में
क्यों भागता फिरता भला ।
जिंदगी के सफर में
ज्ञान तेरा पास हो,
तू जहां पर खड़ा हो
हरगिज़ न काली रात।।
काम आए सभी के
ज्ञान की डोर थाम (कविता )
ज्ञान की डोर थाम
जीवन को मुकम्मल बना,
भौतिकता की चाह में
क्यों भागता फिरता भला ।
जिंदगी के सफर में
ज्ञान तेरा पास हो,
तू जहां पर खड़ा हो
हरगिज़ न काली रात।।
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