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मेरी लेखनी मेरी कविता
इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था
(कविता)
एक बचपन का जमाना था
जिसमें खुशियों का खजाना था।
चाहत चांँद को पाने की थी
पर दिल तितली का दिवाना था।।
खबर न थी सुबह की
न शाम का ठिकाना था
थक कर आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना था
मांँ की
इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था
(कविता)
एक बचपन का जमाना था
जिसमें खुशियों का खजाना था।
चाहत चांँद को पाने की थी
पर दिल तितली का दिवाना था।।
खबर न थी सुबह की
न शाम का ठिकाना था
थक कर आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना था
मांँ की
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