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मेरी लेखनी मेरी कविता
इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था
(कविता)
एक बचपन का जमाना था
जिसमें खुशियों का खजाना था।
चाहत चांँद को पाने की थी
पर दिल तितली का दिवाना था।।
खबर न थी सुबह की
न शाम का ठिकाना था
थक कर आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना था
मांँ की कहानी थी
परियों का फसाना था।।
इससे अच्छा तो
बचपन का जमाना था।।
बारिश में कागज की नाव थी
हर मौसम सुहाना था
रोने की वजह न थी
हंँसने का बहाना था।।
क्यों हो गए हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो
बचपन का जमाना था।।
हरिशंकर सिंह सारांश
इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था
(कविता)
एक बचपन का जमाना था
जिसमें खुशियों का खजाना था।
चाहत चांँद को पाने की थी
पर दिल तितली का दिवाना था।।
खबर न थी सुबह की
न शाम का ठिकाना था
थक कर आना स्कूल से
पर खेलने भी जाना था
मांँ की कहानी थी
परियों का फसाना था।।
इससे अच्छा तो
बचपन का जमाना था।।
बारिश में कागज की नाव थी
हर मौसम सुहाना था
रोने की वजह न थी
हंँसने का बहाना था।।
क्यों हो गए हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो
बचपन का जमाना था।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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