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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
"हमें ऐसे न वहलाओ तुम्हारी याद आती है" (कविता)
हमें ऐसे न बहलाओ
तुम्हारी याद आती है।
कभी वह जख्म देती है
कभी हमको रुलाती है।
हमें ऐसे न बहलाओ
तुम्हारी याद आती है।।
कभी इस दिल का सूनापन
निहारो आके दीवानी।
कसक इस बेरुखे दिल की
हमें झकझोर जाती है ।
हमें ऐसे न वहलाओ
तुम्हारी याद आती है ।।
कभी तू नीर बनती है
कभी बादल में छाती है।
कभी बेचैन आंँखों में
मेरे आंँसू भी लाती है।
हमें ऐसे न वहलाओ
तुम्हारी याद आती है ।।
कभी सोना ,कभी जगना
तड़प जीवन में देखी है।
कभी बातों का जादू है
कभी जीवन की नेकी है।।
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"हमें ऐसे न वहलाओ तुम्हारी याद आती है" (कविता)
हमें ऐसे न बहलाओ
तुम्हारी याद आती है।
कभी वह जख्म देती है
कभी हमको रुलाती है।
हमें ऐसे न बहलाओ
तुम्हारी याद आती है।।
कभी इस दिल का सूनापन
निहारो आके दीवानी।
कसक इस बेरुखे दिल की
हमें झकझोर जाती है ।
हमें ऐसे न वहलाओ
तुम्हारी याद आती है ।।
कभी तू नीर बनती है
कभी बादल में छाती है।
कभी बेचैन आंँखों में
मेरे आंँसू भी लाती है।
हमें ऐसे न वहलाओ
तुम्हारी याद आती है ।।
कभी सोना ,कभी जगना
तड़प जीवन में देखी है।
कभी बातों का जादू है
कभी जीवन की नेकी है।।
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