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"गुरुओं का सम्मान रहे" कविता (शिक्षक विशेषांक )

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश October 14, 2023
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मेरी लेखनी ,मेरी कविता 
"गुरुओं का सम्मान रहे"
(कविता) शिक्षक विशेषांक 

चंँचल स्वभाव
बच्चों का है,
 लेकिन मन में
यह ध्यान रहे।।

 गर जीवन
श्रेष्ठ बनाना है
तो गुरुओं का
 सम्मान रहे ।।

आज अगर
परवाह नहीं
 जीवन का सार
 विफल होगा।

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