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मेरी लेखनी मेरी कविता
एक चींटी को देखा (कविता)
एक चींटी को देखा।
संस्कार और स्वाभिमान की
छोटी सी नन्हीं रेखा।
,समय का मूल्य समझती है
अनुशासन में रहती है।
वह छोटी सी प्राणी है
पर मत समझो अज्ञानी है।
कठिन परिश्रम करो जगत में
सफल करो जीवन रेखा।
एक चींटी को देखा ।।
अमर संगठन के बल पर
 
एक चींटी को देखा (कविता)
एक चींटी को देखा।
संस्कार और स्वाभिमान की
छोटी सी नन्हीं रेखा।
,समय का मूल्य समझती है
अनुशासन में रहती है।
वह छोटी सी प्राणी है
पर मत समझो अज्ञानी है।
कठिन परिश्रम करो जगत में
सफल करो जीवन रेखा।
एक चींटी को देखा ।।
अमर संगठन के बल पर
 
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