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दिल की परछाइयांँ (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश October 18, 2023
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मेरी लेखनी मेरी कविता
दिल की परछाइयांँ
( कविता )

यादों को भुलाने में
कुछ देर तो लगती है।
 आंँखों को सुलाने में
कुछ देर तो लगती है।

 किसी शख्स को भुला देना
इतना आस

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