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मेरी लेखनी मेरी कविता
दिल की परछाइयांँ
( कविता )
यादों को भुलाने में
कुछ देर तो लगती है।
आंँखों को सुलाने में
कुछ देर तो लगती है।
किसी शख्स को भुला देना
इतना आसान नहीं होता
दिल को समझाने में
देर तो लगती है।
आंँखें बहुत कुछ
कहती हैं इशारों से
पर दिल तक जाने में
जज्बातों को देर तो लगती है।
हरिशंकर सिंह सारांश
दिल की परछाइयांँ
( कविता )
यादों को भुलाने में
कुछ देर तो लगती है।
आंँखों को सुलाने में
कुछ देर तो लगती है।
किसी शख्स को भुला देना
इतना आसान नहीं होता
दिल को समझाने में
देर तो लगती है।
आंँखें बहुत कुछ
कहती हैं इशारों से
पर दिल तक जाने में
जज्बातों को देर तो लगती है।
हरिशंकर सिंह सारांश
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