Share0 Bookmarks 52730 Reads2 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता
दिल की परछाइयांँ
( कविता )
यादों को भुलाने में
कुछ देर तो लगती है।
आंँखों को सुलाने में
कुछ देर तो लगती है।
किसी शख्स को भुला देना
इतना आस
दिल की परछाइयांँ
( कविता )
यादों को भुलाने में
कुछ देर तो लगती है।
आंँखों को सुलाने में
कुछ देर तो लगती है।
किसी शख्स को भुला देना
इतना आस
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments