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मेरी लेखनी मेरी कविता
भारत मांँ का सम्मान करो
देशभक्ति विशेषांक (कविता)
भारत मांँ का सम्मान करो
जो जीवन का सुख देती है।
पालन पोषण भी करती है ।
बदले में कुछ ना लेती है ।।
अपने सच्चे कर्मों से तुम
इस का सपना साकार करो।
भारत मांँ का सम्मान करो ।।
अपनों का जीवन रचती है ।
कण कण मानवता बसती है।।
जीवट के अमिट शौर्य का तुम
पल पल में गुणगान करो।
भारत मांँ का सम्मान करो।।
भारत मांँ का सम्मान करो
देशभक्ति विशेषांक (कविता)
भारत मांँ का सम्मान करो
जो जीवन का सुख देती है।
पालन पोषण भी करती है ।
बदले में कुछ ना लेती है ।।
अपने सच्चे कर्मों से तुम
इस का सपना साकार करो।
भारत मांँ का सम्मान करो ।।
अपनों का जीवन रचती है ।
कण कण मानवता बसती है।।
जीवट के अमिट शौर्य का तुम
पल पल में गुणगान करो।
भारत मांँ का सम्मान करो।।
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