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मेरी लेखनी मेरी कविता
बेमिसाल ख्वाब
(कविता)
जिसे पढ़ते-पढ़ते
उम्र बीत जाए
वह नायाब किताब हो तुम
इस मतलब की दुनिया में
बेमिसाल ख्वाब हो तुम ।
झूठी मोहब्बत की दुनिया में
मेरे दिल के नवाब हो तुम
मेरे बेजुबान सांसों का
एक अनमोल जवाब हो तुम
बेमिसाल ख्वाब हो तुम।।
हरिशंकर सिंह सारांश
बेमिसाल ख्वाब
(कविता)
जिसे पढ़ते-पढ़ते
उम्र बीत जाए
वह नायाब किताब हो तुम
इस मतलब की दुनिया में
बेमिसाल ख्वाब हो तुम ।
झूठी मोहब्बत की दुनिया में
मेरे दिल के नवाब हो तुम
मेरे बेजुबान सांसों का
एक अनमोल जवाब हो तुम
बेमिसाल ख्वाब हो तुम।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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