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बसंत की मीठी खुशबू (कविता)

हरिशंकर सिंह 'सारांश 'हरिशंकर सिंह 'सारांश ' March 16, 2023
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मेरी लेखनी, मेरी कविता 
बसंत की मीठी खुशबू (कविता )

बसंती रंग कलियों का 
बिखर कर नूर होता है 
अभागा है वो दुनियाँ में 
जो इससे दूर होता है।

 वो पीली सरसों के फूल ,
वह लहराते खेत ,
हमारे मन को लुभाते हैं ।
देखकर  यह छठा प्यारी
भ्रमर भी  डोल जाते हैं ।।

सुहानी शाम खुशबू की 
हमें कितना सुहाती है। 
शरबती फूल की खुशबू 
भ्रमर को खींच लाती है।।

हरिशंकर सिंह सारांश   

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