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मेरी लेखनी मेरी कविता
आओ पेड़ लगाएं हम
(कविता) प्रकृति विशेषांक
धरती की बस यही पुकार
पेड़ लगाओ बारंबार।।
आओ मिलकर कसम उठाएं
अपनी धरती हरित बनाएं।।
धरती पर हरियाली हो
जीवन में खुशहाली हो।।
पेड़ हैं धरती मांँ की शान
जीवन में आती मुस्कान ।।
पेड़ों को नित् पानी दें
जीवन अमिट निशानी देंं।।
आओ मिलकर पेड़ लगाएं
पेड़ लगाकर जग महकाएँँ।।
जीवन सुखी बनाएं हम
आओ पेड़ लगाएं हम ।।
हरिशंकर सिंह सारांश
आओ पेड़ लगाएं हम
(कविता) प्रकृति विशेषांक
धरती की बस यही पुकार
पेड़ लगाओ बारंबार।।
आओ मिलकर कसम उठाएं
अपनी धरती हरित बनाएं।।
धरती पर हरियाली हो
जीवन में खुशहाली हो।।
पेड़ हैं धरती मांँ की शान
जीवन में आती मुस्कान ।।
पेड़ों को नित् पानी दें
जीवन अमिट निशानी देंं।।
आओ मिलकर पेड़ लगाएं
पेड़ लगाकर जग महकाएँँ।।
जीवन सुखी बनाएं हम
आओ पेड़ लगाएं हम ।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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